Monday, January 7, 2019

Income Tax Section-6

भारत में निवास
6. इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए,–
(1) कोर्इ व्यक्ति किसी पूर्ववर्ष में भारत में निवासी तब कहा जाता है जबकि वह,–
() उस वर्ष में कुल मिलाकर एक सौ बयासी या अधिक दिनों की कालावधि या कालावधियों तक भारत में रहा हो; या
() [* * *]
() उस वर्ष के पूर्ववर्ती चार वर्षों के भीतर कुल मिलाकर तीन सौ पैंसठ या अधिक दिनों की कालावधि या कालावधियों तक भारत में होते हुए उस वर्ष कुल मिलाकर साठ या अधिक दिनों की कालावधि या कालावधियों तक भारत में रहा हो।
स्पष्टीकरण1.ऐसे व्यष्टि की दशा में,–
() जो भारत का नागरिक है, जो वाणिज्य पोत परिवहन अधिनियम, 1958 (1958 का 44) की धारा 3 के खंड (18) में यथापरिभाषित भारतीय पोत के कर्मीदल के सदस्य के रूप में या भारत से बाहर नियोजन के प्रयोजनों के लिए किसी पूर्ववर्ष में भारत छोड़ देता है, उपखंड () के उपबंध उस वर्ष के संबंध में इस प्रकार लागू होंगे मानो उसमें ''साठ दिन'' शब्दों के स्थान पर ''एक सौ बयासी दिन'' शब्द प्रतिस्थापित किए गए थे;
() जो भारत का नागरिक है या धारा 115ग के खंड() के स्पष्टीकरण के अर्थ में भारतीय मूल का व्यक्ति है, जो भारत के बाहर रहते हुए किसी पूर्ववर्ष में भारत में आता है, उपखंड () के उपबंध उस वर्ष के संबंध में इस प्रकार लागू होंगे मानो उसमें आने वाले ''साठ दिन'' शब्दों के स्थान पर "एक सौ बयासी दिन" प्रतिस्थापित किए गए थे।
स्पष्टीकरण 2 - इस खंड के प्रयोजनों के लिए, किसी व्यष्टि की दशा में, जो भारत का नागरिक है और भारत से विदेश को जाने वाले पोत के कर्मीदल का सदस्य है, ऐसी समुद्र यात्रा के संबंध में, भारत में रहने की कालावधि या कालावधियां ऐसी रीति से और ऐसी शर्तों के अध्यधीन अवधारित की जाएंगी, जो विहित की जाएं।
(2) कोर्इ हिन्दू अविभक्त कुटुम्ब, फर्म या अन्य व्यक्तियों का संगम हर दशा में किसी पूर्ववर्ष में भारत में निवासी कहा जाता है सिवाय उस दशा में जिसमें उस वर्ष के दौरान उसके कामकाज का नियंत्रण और प्रबंध संपूर्णत: भारत के बाहर स्थित रहा है।
(3) कोर्इ कंपनी किसी पूर्ववर्ष में भारत में निवासी कही जाती है, यदि,–
(i) वह कोर्इ भारतीय कंपनी है; या
(ii) उसके प्रभावी प्रबंध का स्थान उस वर्ष में भारत में है ।
स्पष्टीकरण -इस खंड के प्रयोजन के लिए, "प्रभावी प्रबंध का स्थान" से ऐसा स्थान अभिप्रेत है जहां किसी संस्था के संपूर्ण कारबार के संचालन के लिए आवश्यक प्रमुख प्रबंधन और वाणिज्यिक विनिश्चय, सारवान् रूप से किए जाते हैं।
(4) हर अन्य व्यक्ति प्रत्येक दशा में किसी पूर्ववर्ष में भारत में निवासी कहा जाता है सिवाय उस दशा के, जिसमें उस वर्ष के दौरान उसके कामकाज का नियंत्रण और प्रबंध संपूर्णत: भारत के बाहर स्थित रहा है।
(5) यदि कोर्इ व्यक्ति आय के किसी स्रोत की बाबत निर्धारण वर्ष से सुसंगत पूर्ववर्ष में भारत में निवासी है तो वह अपनी आय के स्रोतों में से हर एक की बाबत निर्धारण वर्ष से सुसंगत पूर्ववर्ष में भारत में निवासी समझा जाएगा।
(6) किसी व्यक्ति के बारे में यह कि वह किसी पूर्ववर्ष में ''साधारणतया निवासी नहीं है'' तब कहा जाता है जबकि वह व्यक्ति,–
() ऐसा व्यष्टि है जो उस वर्ष के पूर्ववर्ती दस पूर्ववर्षों में से नौ वर्षों में भारत में निवासी न रहा हो या उस वर्ष के पूर्ववर्ती सात पूर्ववर्षों के दौरान ऐसी कालावधि तक या ऐसी कालावधियों तक जो कुल मिलाकर सात सौ उनतीस दिन या उससे कम की हो, भारत में न रहा हो; या
() ऐसा हिन्दू अविभक्त कुटुंब है जिसका कर्ता उस वर्ष के पूर्ववर्ती दस पूर्ववर्षों में से नौ पूर्ववर्षों में भारत में निवासी न रहा हो या उस वर्ष के पूर्ववर्ती सात पूर्ववर्षों के दौरान ऐसी कालावधि तक या ऐसी कालावधियों तक, जो कुल मिलाकर सात सौ उनतीस दिन या उससे कम हो, भारत में न रहा हो।



[वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा संशोधित रूप में]

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