सम्पत्ति, माल अथवा सेवाएँ प्राप्त करने के लिए किया गया कोई भी भूटान अथवा सम्पत्ति का हस्तान्तरण खर्च कहलाता है।
खर्च के प्रकार
खर्च दो प्रकार के होते हैं :-
- पूँजीगत व्यय (Capital Expenditure)स्थायी सम्पत्तियों के क्रय अथवा उनके मूल्य में वृद्धि करने के उद्देश्य से किया गया गैर-आवर्ती व्यय पूँजीगत खर्च कहलाता है।उदाहरणभूमि, भवन, मशीन, उपस्कर, आदि क्रय करने अथवा इसके निर्माण हेतु किया गया व्यय पूँजीगत व्यय है। पूँजीगत व्यय दीर्घकालीन लाभ प्रदान करता है।
- आयगत व्यय (Revenue Expenditure)आयगत व्यय वह व्यय है जो आवर्ती प्रकृति का होता है और उसका लाभ एक लेखांकन अवधि में ही प्राप्त हो जाती है। सभी आगत खर्चों को व्यापारिक एवं लाभ-हानि खाते में डेबिट किया जाता है। आयगत खर्च वर्तमान लाभोपार्जन क्षमता बनाए रखने में सहायक होते हैं।
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