उस धनराशि को पूँजी कहा जाता है जिसे व्यवसाय का स्वामी व्यवसाय में लगाता है। इसी राशि से व्यवसाय प्रारम्भ किया जाता है।
पूँजी को दो निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जाता है :-
- स्थिर पूँजी :- सम्पत्तियों को प्राप्त करने के लिए जो धनराशि लगाई जाती है, वह स्थित पूँजी कहलाती है, जैसे - मशीनरी तथा संयंत्र का क्रय, भूमि तथा भवन का क्रय।
- कार्यशील पूँजी :- पूँजी का वह भाग जो व्यवसाय के दैनिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होता है, कार्यशील पूँजी कहलाता है।
कार्यशील पूँजी = चालू सम्पत्तियाँ - चालू दायित्व
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